कतरी अख़बार अर्रायह की वेबसाइट का हवाला देते हुए IQNA की रिपोर्ट, सऊदी अरब में उमरह हज के दौरान पिछले हफ्ते गिरफ्तार किए गए इस्लामी डिफेंडर फ्रंट के नेता शेख ज़र्रीक़ शहाब की गिरफ्तारी को अस्वीकार करते हुए, निंदा और तत्काल उनकी और सभी विद्वान मिशनरियों की जो इस देश में क़ैद हैं रिहाई की अपील की।
रियाद में इंडोनेशियाई दूतावास ने यह भी कहा है कि सऊदी अधिकारियों ने शेख शहाब को बिना किसी कानूनी औचित्य के और उमरा के दौरान गिरफ्तार कर लिया है।
दूतावास ने सऊदी अधिकारियों से जल्द से जल्द शेख शहाब को रिहा करने और सभी मुसलमानों के लिए भगवान द्वारा प्रदान की गई पवित्र स्थानों का सम्मान करने का आग्रह किया।
दूसरी तरफ, इंडोनेशियाई राजनीतिक दलों और धार्मिक समुदायों ने शेख शहाब को रिहा करने और मानवाधिकारों के सम्मान, पवित्र जगहों के गैर-राजनीतिकरण के लिए भी आहवान किया।
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सबसे प्रमुख इस्लामी प्रचारकों में से एक शेख शहाब ज़र्रीक़ का शुमार होता है जिन्हों ने कुरान के अपमान के कारण "बसुकी ताजाहाजा पौर्णनाम" अहोक नामी जकार्ता के चीनी नस्ल के ईसाई गवर्नर के चुनाव में बर्खास्त कर देने व मुकदमे और हिरासत में लिऐ जाने अभियान का नेतृत्व किया था। ।
शेख शाहब इसी प्रचार के कारण इंडोनेशियाई इस्लाम विरोधी संघों द्वारा घृणा के शिकार हुऐ, क्योंकि इन संगठनों ने धर्मनिरपेक्ष मीडिया के सहयोग और समर्थन के साथ शेख शहाब के खिलाफ प्रचार शुरू किया और उनकी ओर झूठे आरोपों की निस्बत दीगई और उनके ख़िलाफ़ मुकदमे की मांग की गई।
यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि इस्लाम के पवित्र श्राइन और हरमैन पर सऊदी प्रशासन की निगरानी के लिए अंतर्राष्ट्रीय बोर्ड 9 जनवरी 2018 को हज प्रशासन के क्षेत्र में सऊदी अरब के प्रदर्शन की निगरानी के लिए स्थापित किया गया है।
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